अन्जना शर्मा |
न जाती भेद है कोई न उचा निचा का भेद भाऊ!!
जुदा हर गुण अवगुण से कथा गा अब बुद्ध का तू गा !
जहा सांति के सुख सागर माँ मानब रोज नहाते है !!
हो पथ पर सनेहा हिरदय की दीप जलने दो !
और उस उजाले पथ पर औरो को भी चलने दो !!
जो सत्ये का मार्ग बताया गौतम ने ओही है उत्तम !
नहीं है दूर मंजिल हम जब उठाते है कदम हम !!
अन्जना शर्मा
रसुवा
रसुवा
posted by हरि सिंह माल "मुस्कान"
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