फूल भनि सजाकोथे काडाँ बनि घोचेर गयौ
मुटु भित्रै राखेकोथे कुन्नि के के सोचेरगयौ
गुनासो छैन मलाई जुन डालीमा फुल्छौ फूल
हाँगामै झुल्छौ या पातमा जहाँ झुल्छौ झुल
कोमल मेरो छातीमा तिखो छुरा रोपेर गयौ
मुटु भित्रै राखेकोथे कुन्नि के के सोचेरगयौ
अजम्बरी भै बाँच चाहे ओइलिएर् भुइँमा झर
तिमीलाई कै भन्दिन जे मन लाग्छ त्यहि गर
निशासिदो बादल भित्र मलाई एक्लै छोपेर गयौ
मुटु भित्रै राखेकोथे कुन्नि के के सोचेरगयौ
मीना पुमा राई खोटाङ्ग |
गुनासो छैन मलाई जुन डालीमा फुल्छौ फूल
हाँगामै झुल्छौ या पातमा जहाँ झुल्छौ झुल
कोमल मेरो छातीमा तिखो छुरा रोपेर गयौ
मुटु भित्रै राखेकोथे कुन्नि के के सोचेरगयौ
अजम्बरी भै बाँच चाहे ओइलिएर् भुइँमा झर
तिमीलाई कै भन्दिन जे मन लाग्छ त्यहि गर
निशासिदो बादल भित्र मलाई एक्लै छोपेर गयौ
मुटु भित्रै राखेकोथे कुन्नि के के सोचेरगयौ
फूल भनि सजाकोथे काडाँ बनि घोचेर गयौ
फूल भनि सजाकोथे काडाँ बनि घोचेर गयौ
मुटु भित्रै राखेकोथे कुन्नि के के सोचेरगयौ
मीना पुमा राई
खोटाङ्ग
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